महालक्ष्मी माताजींनी आरती

जय आध्या शक्ति माँ जय आध्या शक्ति
अखंड ब्रह्माण्ड निपाव्या (२) पड़वे पंडित माँ
ॐ जयो जयो माँ जगदंबे ||१||
द्वितीया बे स्वरुप शिवशक्ति जाणु माँ
ब्रह्मा गणपती गाये , हर गाये हर माँ
ॐ जयो जयो माँ जगदंबे ||२||
तृतीया त्रण स्वरुप त्रिभुवन माँ बैठा (२)
दयाथकी तरवेणी (२) तू तरवेणी माँ
ॐ जयो जयो माँ जगदंबे ||३||
चौथे चतुरा महालक्ष्मी माँ सचराचर व्याप्यां माँ
चार भुजा चौ दिशा (२) प्रगट्या दक्षिण माँ
ॐ जयो जयो माँ जगदंबे ||४||
पंचमी पंचऋषि पंचमी गुणपद्मा माँ
पंचतत्व त्यां सोहिए पंचे तत्वों माँ
ॐ जयो जयो माँ जगदंबे ||५||
षष्टी तुं नारायणी महिषासुर मार्यो माँ (२)
नरनारिना न रुपे (२) व्याप्यां सर्वे माँ
ॐ जयो जयो माँ जगदंबे ||६||
सप्तमी सप्त पाताळ सावित्री संध्या माँ
गौ गंगा गायत्री (२) गौरी गीता माँ
ॐ जयो जयो माँ जगदंबे ||७||
अष्टमी अष्टभुजा आई आनंदा माँ
सुरनर मुनिवर जन्म्या (२) देवदैत्यो माँ
ॐ जयो जयो माँ जगदंबे ||८||
नवमी नवकूळ नाग सैव नवदुर्गा माँ
नवरात्रिना पूजन शिवाशाक्तिना अर्चन किधां हरब्रह्मा
ॐ जयो जयो माँ जगदंबे ||९||
दशमी दशअवतार जय विजयादशमी माँ
रामे राम रमाड़॒या (२) रावण रोड्यो माँ
ॐ जयो जयो माँ जगदंबे ||१०||
एकादशी अगियारस कात्यायनी कामा माँ
कामदुर्गा कालिका (२) श्यामा ने रामा
ॐ जयो जयो माँ जगदंबे ||११||
बारसे बाकारूप बहुचारी अंबा माँ(२)
बटुकभैरव सोहिए कालभैरव सोहिए तारा छे तुजमा माँ
ॐ जयो जयो माँ जगदंबे ||१२||
तेरसे तूळजारूप तु तारिणी माता माँ
ब्रह्मा विष्णु सदाशिव ब्रह्मा विष्णु महेश्वर गुणतारा गाता
ॐ जयो जयो माँ जगदंबे ||१३||
चौदश चौदा रूप चंडी चामुंडा माँ (२)
भाव भक्ति कोई आपो चतुराई कोई आपो सिंहवाहिनी माता
ॐ जयो जयो माँ जगदंबे ||१४||
पूनमे कुंभ भयौ सांभाळजो करुणा माँ
वाशिष्ठ्देवे वखाण्या मार्कंडदेवे वखाण्यागाई शुभकविता
ॐ जयो जयो माँ जगदंबे ||१५||
सवंत सोळ प्रगट्या (२) रेवाने तीरे माँ
ॐ जयो जयो माँ जगदंबे ||१६ ||
त्रंबावटी नगरी आई रुपावती नगरी मा मंछावती नगरी (२)
सोळ सहस्त्र त्यां सोहिए (२) क्षमा करो गौरी दया करो गौरी
ॐ जयो जयो माँ जगदंबे ||१७||
शिवाशाक्तिनी आरती जे कोई गाशे माँ (२)
भणे शिवानंद स्वामी (२) सुख संपत्ति थाशे
अंबा दुःख हरसे कैलाशे जाशे
ॐ जयो जयो माँ जगदंबे ||१८||
एकम एक स्वरुप अंतर नव धरशो माँ (२)
भोळा भवानीने भजतां श्री महालक्ष्मी ने भजतां भवसागर तटशो
ॐ जयो जयो माँ जगदंबे ||१९||
भाव न जाणु भक्ति न जाणु नवजाणु सेवा माँ (२)
सेवक जनने तार्या वल्लभ भटने तार्या
भक्त जनोने तार्या तव चरणे सण्या
ॐ जयो जयो माँ जगदंबे ||२०||
मानो मंडप लाल गुला शोभा बहु सारी ….माँ
अबील उड़े छे आनंद माँ (२)
जय बहुचर माडी ….ॐ जयो जयो …. ||२१||
मानी चुनडी लाल गुलाल शोभा बहु सारी ….माँ
आँगन कुकड नाचे (२)
जय बहुचर माडी ….ॐ जयो जयो …. ||२२||

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