कर्पूर आरती

कर्पुरगौरा | करुणावतारा | संसारसारा | भुजगेंद्रहारा |
सदा रहावे हृदयारविंदी | भवाभवानीसह तूह वंदी ||१||
कर्पूर दे परम मोद मना सुवासे | शोभा बरी रुचिर कांचनपात्रवासे |
उद्दीप्त होऊनी मनोहर तेज जेवी तेणे करीन तुज आरती ईश ! सेवी ||२||

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